B-2 Bombers का कहर: अमेरिका ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स को तबाह किया, ट्रंप ने दी खुली धमकी

B-2 Bombers

वॉशिंगटन, डी.सी. – मध्य पूर्व में जारी तनाव के बीच अमेरिका ने ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों पर जबरदस्त हवाई हमला किया है। रविवार तड़के, अमेरिकी वायुसेना के B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर्स ने लगभग 37 घंटे तक मिसौरी से बिना रुके उड़ान भरते हुए ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में स्थित परमाणु साइट्स को निशाना बनाया।

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को “बेहद सफल ऑपरेशन” बताया और कहा कि यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर सीधा वार है।

“फोर्डो अब खत्म हो चुका है” – ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा,

“फोर्डो अब चला गया। यह हमला ईरान को एक स्पष्ट संदेश है कि अगर वे शांति नहीं चाहते, तो अगला वार और भी बड़ा होगा।”

फोर्डो ईरान की सबसे सुरक्षित और गुप्त परमाणु साइट मानी जाती है, जो पहाड़ों के नीचे बंकर के अंदर स्थित है। अमेरिकी सेना ने वहां 6 बंकर-बस्टर बम गिराए, जिनका उद्देश्य गहराई में बने ठिकानों को नष्ट करना होता है।

U.S. B-2 Spirit Bombers: Planes that could target Iran's Fordo nuclear site  - YouTube

कैसे हुआ हमला?

B-2 बॉम्बर्स ने बीच-बीच में हवा में ईंधन भरवाकर लंबी उड़ान पूरी की। इस हमले में Tomahawk मिसाइलें और GBU-57 Massive Ordnance Penetrators का उपयोग किया गया। GBU-57 विशेष रूप से बंकरों को ध्वस्त करने के लिए बनाई गई है और इसका वज़न करीब 30,000 पाउंड होता है।

  • फोर्डो पर 6 बंकर बस्टर बम गिराए गए।

  • नतांज और इस्फहान पर लगभग 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं।

पेंटागन ने पुष्टि की कि B-2 बॉम्बर्स मिशन में शामिल थे और सभी विमान सुरक्षित लौट आए।

ईरान ने हमले की पुष्टि की

ईरान की तसनीम न्यूज एजेंसी ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से फोर्डो साइट पर “शत्रु के हवाई हमलों” के कारण हुए नुकसान की पुष्टि की है। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक किसी प्रकार का विस्तृत विवरण या मृतकों की संख्या जारी नहीं की गई है।

अमेरिका और इज़राइल के बीच तालमेल

इस हमले से पहले इज़राइल ने ईरान की परमाणु साइट्स पर कई ऑपरेशन किए थे। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इज़राइल के पास फोर्डो जैसी गहराई में बनी साइट को नष्ट करने की क्षमता नहीं थी, इसलिए अमेरिका का हस्तक्षेप जरूरी था।

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ट्रंप और इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच हमले से पहले समन्वय हुआ था। इज़राइली सरकार ने भी अमेरिका के साथ मिशन में करीबी साझेदारी की पुष्टि की है।

ईरान-इज़राइल संघर्ष और बड़ा रूप लेता युद्ध

पिछले कुछ दिनों से ईरान और इज़राइल के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इज़राइल का कहना है कि ईरान कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बना सकता था, इसलिए यह कार्रवाई जरूरी थी।

अब तक की जानकारी के अनुसार:

  • ईरान में 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और 3,500 से अधिक घायल हैं।

  • इज़राइल में 14 लोगों की मौत और 1,200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

ट्रंप ने Truth Social पर पोस्ट कर अमेरिकी सैनिकों को “महान योद्धा” बताते हुए बधाई दी और कहा कि वह आज रात ओवल ऑफिस से देश को संबोधित करेंगे

निष्कर्ष: मध्य पूर्व में बढ़ता संकट

इस हमले से एक बात स्पष्ट है — अमेरिका अब ईरान की परमाणु गतिविधियों पर सीधा एक्शन लेने से पीछे नहीं हटेगा। दुनिया भर की नजरें अब वॉशिंगटन, तेहरान और यरूशलम पर टिकी हुई हैं। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि यह टकराव और बढ़ेगा या कोई समाधान निकलेगा।