PM Fasal Beema Yojana 2025: बाढ़ से धान की फसल बर्बाद? प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2025 से पाएं पूरा मुआवजा, जानें कैसे उठाएं लाभ

PM Fasal Beema Yojana 2025: बाढ़ से धान की फसल बर्बाद? पीएम फसल बीमा योजना 2025 से पाएं राहत

इस साल बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कहीं कम बारिश से धान की फसल सूख रही है, तो कहीं ज्यादा बारिश और बाढ़ से खेत डूब गए हैं। ऐसे हालात में किसानों की महीनों की मेहनत और लागत एक झटके में खत्म हो रही है। लेकिन अब किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है—प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2025 (PMFBY) के तहत सरकार किसानों को फसल नुकसान का पूरा मुआवजा दे रही है।
PM Fasal Beema Yojana 2025: बाढ़ और बारिश से भारी नुकसान

उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और अन्य राज्यों के कई इलाकों में बाढ़ का पानी धान के खेतों में भर गया है। पौध गलने और सड़ने से फसल की उपज लगभग खत्म हो रही है। यह केवल आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि किसानों की सालभर की आजीविका पर सीधा असर है। ऐसे समय में फसल बीमा योजना किसानों की आय सुरक्षा का सबसे मजबूत साधन बन रही है।

PM Fasal Beema Yojana 2025: आवेदन की नई तारीखें

पहले आवेदन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 थी, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाकर—

  • गैर-ऋणी किसान: 14 अगस्त 2025

  • ऋणी किसान: 31 अगस्त 2025
    कर दी है।

इस बदलाव से उन किसानों को भी मौका मिल गया है, जो समय से आवेदन नहीं कर पाए थे।

PM Fasal Beema Yojana 2025: योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ ऋणी और गैर-ऋणी दोनों प्रकार के किसानों को मिलता है। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं, कीट और बीमारियों से होने वाले फसल नुकसान की भरपाई करती है।

आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन करें: http://प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2025 – PMFBY Official Portal

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

आवेदन करने वाले किसान को निम्न दस्तावेज तैयार रखने होंगे:

  • आधार कार्ड

  • बैंक पासबुक

  • भूमि से संबंधित दस्तावेज

  • फसल बुवाई प्रमाण पत्र

  • मोबाइल नंबर

PM Fasal Beema Yojana 2025: सिर्फ 2% प्रीमियम में लाखों का बीमा

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत है कि किसानों को बीमा के लिए केवल फसल मूल्य का 2% प्रीमियम देना होता है।

धान के लिए:

  • बीमा राशि: ₹86,000 प्रति हेक्टेयर

  • प्रीमियम: ₹1,720 प्रति हेक्टेयर

उड़द के लिए:

  • बीमा राशि: ₹59,300 प्रति हेक्टेयर

  • प्रीमियम: ₹1,186 प्रति हेक्टेयर

मूंग के लिए:

  • बीमा राशि: ₹29,700 प्रति हेक्टेयर

  • प्रीमियम: ₹594 प्रति हेक्टेयर

PM Fasal Beema Yojana 2025: आवेदन कैसे करें?

किसान फसल बीमा पोर्टल पर ऑनलाइन या नजदीकी जन सेवा केंद्र (CSC) के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय सभी दस्तावेज सही तरीके से अपलोड करें, ताकि क्लेम प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो।

क्यों जरूरी है यह योजना?

बाढ़, सूखा, कीट और बीमारियां—किसान की फसल के लिए हमेशा खतरा बने रहते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सिर्फ मुआवजा नहीं, बल्कि किसान की आर्थिक सुरक्षा का कवच है। समय पर आवेदन करने से किसानों को लाखों रुपये तक का लाभ मिल सकता है।

अगर आपकी धान की फसल बाढ़ या बारिश से बर्बाद हो गई है, तो घबराएं नहीं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2025 में समय पर आवेदन कर आप अपने नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। याद रखें, गैर-ऋणी किसान के लिए अंतिम तारीख 14 अगस्त और ऋणी किसान के लिए 31 अगस्त है। आज ही आवेदन करें और अपनी मेहनत की रक्षा करें।

किसानों की जमीनी हकीकत: आंखों देखा हाल

गांव – सरायपट्टी, जिला दरभंगा (बिहार)
पिछले हफ्ते की तेज बारिश और बाढ़ ने यहां के खेतों को तालाब बना दिया। 58 वर्षीय किसान रामस्वरूप यादव अपने खेत के किनारे खड़े थे, आंखों में पानी और चेहरे पर चिंता की लकीरें।
“बेटा, तीन महीने की मेहनत एक रात में बह गई,” वे कहते हैं। “धान की पौध लगाई थी, अब बस पानी और कीचड़ बचा है। बैंक से कर्ज लिया था… समझ नहीं आ रहा था कि कैसे चुकाऊंगा।”

लेकिन जब उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2025 के तहत मुआवजा मिलने की खबर मिली, तो चेहरे पर थोड़ी राहत आई—
“कम से कम सरकार ने हमारा दर्द समझा, अब कुछ उम्मीद है।”

किसानों की अपील

इन गांवों की कहानियां बताती हैं कि प्राकृतिक आपदा सिर्फ फसल ही नहीं, बल्कि किसान की आर्थिक और मानसिक स्थिति को भी हिला देती है। ऐसे में फसल बीमा योजना केवल पैसों का सहारा नहीं, बल्कि नई उम्मीद का बीज है।

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मैं Swapnil G, Samachar Times24 का संस्थापक और मुख्य कंटेंट राइटर हूं। मुझे लेखन में गहरी रुचि है और मेरा उद्देश्य है कि पाठकों को हर क्षेत्र की ट्रेंडिंग खबरें न केवल सटीक जानकारी के साथ, बल्कि रोचक अंदाज़ में भी पेश की जाएं। मैं अपने ब्लॉग के ज़रिए लोगों तक ऐसी सामग्री पहुँचाना चाहता हूं जो ज्ञानवर्धक होने के साथ-साथ पढ़ने में भी दिलचस्प हो।

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