Modi का “स्वदेशी” संदेश
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र Modi ने हाल-ही में नागरिकों से अपील की है कि वे विदेशी उत्पादों का उपयोग कम करें और स्थानीय (Made-in-India) सामान खरीदें, खासकर उन कंपनियों का समर्थन करें जो भारत में बनी हों।
यह कदम उस समय उठाया गया है जब अमेरिका ने भारत पर 50% आयात शुल्क लगाया है कई भारतीय वस्तुओं पर, जिससे आर्थिक क्षेत्र में दर्जन-भर तरह के तनाव उभर रहे हैं।
व्यापारिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि
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टैरिफ और व्यापार तनाव
विदेशों से आने वाले उत्पादों पर बढ़े हुए क़ीमती आयात शुल्क भारतीय उद्योगों को अवसर दे सकते हैं लेकिन इससे आयातित वस्तुओं की कीमत बढ़ेगी। -
स्वदेशी और आत्मनिर्भरता
“वोक इट स्वदेशी” विचार पहले से मोदी सरकार की नीतियों में ज़मीन बनाए हुए है। इसका मकसद है स्थानीय उद्योग को बढ़ावा, रोजगार सृजन और विदेशी निर्भरता को कम करना। -
उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव
लोग स्वदेशी ब्रांडों की ओर झुकाव बढ़ा रहे हैं क्योंकि “ब्रांड बनाना” अब सिर्फ प्रीमियम नहीं बल्कि पहचान का हिस्सा बन गया है। स्थानीय क्राफ्ट, फैशन, टेक्नोलॉजी सभी जगह यह झुकाव दिख रहा है।
संभावित प्रभाव और चुनौतियाँ
फायदे | चुनौतियाँ |
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स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा | गुणवत्ता एवं प्रतिस्पर्धात्मकता की कमी |
रोजगार के अवसर | कीमतों में उतार-चढ़ाव |
विदेशी मुद्रा की बचत | कुछ उपभोक्ताओं की पसंद और पसंदीदा मार्क ब्रांडों की मांग |
आत्म-निर्भर अर्थव्यवस्था की ओर कदम | लॉजिस्टिक्स, कच्चे माल की उपलब्धता, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की समस्याएँ |
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1 thought on “Modi का स्वदेशी आह्वान: विदेशी उत्पादों से दूर, Made-in-India को कैसे बढ़ावा मिलेगा?”