Bihar Chakka Jam: लोकतंत्र पर चोट या जनतंत्र की आवाज? राहुल-तेजस्वी के नेतृत्व में गरजा विपक्ष
बिहार की सियासत एक बार फिर गर्माई हुई है। ‘चुनाव आयोग के मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम’ को लेकर इंडिया गठबंधन ने पूरे राज्य में बिहार बंद और चक्का जाम का ऐलान किया। इस ऐलान ने आज पटना से लेकर मधुबनी, जहानाबाद, लखीसराय और भोजपुर तक जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया।
Bihar Chakka Jam: पटना बना विरोध की राजधानी
राजधानी पटना में सुबह से ही विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, मुकेश सहनी और पप्पू यादव जैसे बड़े नेता सड़कों पर उतरे और एक साथ रथ पर सवार होकर विधानसभा मोड़ की ओर बढ़े। उनका इरादा था कि वे चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाकर विरोध दर्ज कराएं, लेकिन पटना पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में रोक दिया और बैरिकेडिंग कर दी गई।
तेजस्वी यादव ने तीखा बयान देते हुए कहा,
“हम लोकतंत्र का अपमान नहीं सहेंगे। सरकार हमें रोक सकती है लेकिन हमारी आवाज़ नहीं।“
Bihar Chakka Jam: ऑटो चालकों पर डंडे, जनता में गुस्सा
पटना के गांधी मैदान के पास एक दुर्भाग्यपूर्ण दृश्य भी देखने को मिला। प्रदर्शन कर रहे राजद कार्यकर्ताओं ने चलते ऑटो पर डंडे बरसाए, जिससे ऑटो चालकों में गहरी नाराजगी फैल गई। ऑटो चालकों ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मधुबनी में ट्रेन रोकी, रेलवे सेवा बाधित
मधुबनी के परसा हॉल्ट पर राजद कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया। यहां प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इससे रेल यातायात ठप हो गया और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
लखीसराय में सड़कों पर ही धरना
लखीसराय में प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग की यह पुनरीक्षण प्रक्रिया गरीबों, शोषितों और पिछड़े वर्गों की राजनीतिक आवाज दबाने की साजिश है।
जहानाबाद में रेल और सड़क जाम
जहानाबाद में पटना-गया हाइवे को जाम कर दिया गया और कोर्ट स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन को भी कुछ समय के लिए रोका गया। छात्र राजद नेता शैलेश कुमार यादव ने साफ कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो इससे बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
आरा, भोजपुर और सचिवालय हॉल्ट में प्रदर्शन
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरा स्टेशन पर फरक्का एक्सप्रेस को रोका, वहीं पप्पू यादव पटना के सचिवालय हॉल्ट पर अपने समर्थकों के साथ रेलवे ट्रैक पर उतरे। इन सभी जगहों पर मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम को वापस लेने की मांग की गई।
विपक्ष का आरोप क्या है?
विपक्ष का कहना है कि चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम एनडीए सरकार के इशारे पर चलाया जा रहा है, जिसका मकसद है—
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पिछड़े वर्गों को वोटर लिस्ट से बाहर करना
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सत्ता पक्ष को फायदा पहुंचाना
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लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करना
Bihar Chakka Jam: चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया?
अब तक चुनाव आयोग की तरफ से इस आंदोलन को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया नियमित समीक्षा का हिस्सा है।
यह आंदोलन महज राजनीतिक विरोध नहीं?
बिहार बंद और चक्का जाम ने सिर्फ सड़कों को नहीं रोका, बल्कि यह संदेश भी दिया कि जनता का एक बड़ा वर्ग लोकतंत्र की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर रहा है। विपक्षी दलों के मुताबिक, अगर चुनाव प्रक्रिया पर ही विश्वास नहीं रहा, तो लोकतंत्र की बुनियाद हिल जाएगी।
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