BJP vs BJP: 25 साल बाद मिली चुनौती, लेकिन Rajiv Pratap Rudy ने रखी गद्दी सुरक्षित
नई दिल्ली के सियासी गलियारों में मंगलवार को एक अनोखा और हाई-वोल्टेज मुकाबला देखने को मिला—बीजेपी बनाम बीजेपी। मौका था Constitution Club of India के सचिव (प्रशासन) पद का चुनाव। यहां सांसद राजीव प्रताप रूडी ने एक बार फिर बाज़ी मारते हुए बीजेपी के ही नेता और पूर्व सांसद संज़ीव बालियान को 102 वोटों से हराकर अपनी 25 साल पुरानी गद्दी बरकरार रखी।
भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी मंगलवार को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब चुनाव में जीत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए। (फोटो: पीटीआई)
BJP vs BJP: नतीजे जो चर्चा में रहे
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राजीव प्रताप रूडी (बीजेपी सांसद, सारण) – 392 वोट
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संज़ीव बालियान (पूर्व सांसद, मुजफ्फरनगर) – 290 वोट
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अंतर – 102 वोट
यह चौथी बार था जब क्लब में चुनाव हुए। इससे पहले तीन बार चुनाव की नौबत आई थी, लेकिन इस बार की टक्कर सबसे दिलचस्प मानी गई क्योंकि दोनों उम्मीदवार एक ही पार्टी के थे।
BJP vs BJP: 25 साल बाद पहली चुनौती
राजीव प्रताप रूडी पिछले ढाई दशक से इस पद पर काबिज हैं। लेकिन 2025 में पहली बार उन्हें अपनी ही पार्टी के नेता से सीधी चुनौती मिली।
संज़ीव बालियान, जो पहले भी मुजफ्फरनगर से सांसद रह चुके हैं, ने इस मुकाबले को सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि “परिवर्तन की जंग” बताकर प्रचार किया।
BJP vs BJP: डिनर डिप्लोमेसी और पर्दे के पीछे की सियासत
इस चुनाव को लेकर कई दिनों तक डिनर डिप्लोमेसी चली।
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राजनीतिक गलियारों में चर्चा रही कि रूडी को कांग्रेस और विपक्षी सांसदों का अप्रत्यक्ष समर्थन मिला।
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विपक्षी खेमे में बालियान को “सरकार के कैंडिडेट” के रूप में देखा जा रहा था।
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बीजेपी सांसदों के लिए यह मुकाबला उलझन भरा था। सांसद कंगना रनौत ने भी इसे “पहली बार बीजेपी बनाम बीजेपी” वाला confusing मुकाबला कहा।
वोटरों का वीआईपी क्लब
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कुल वोटर: 1295 (सांसद और पूर्व सांसद ही सदस्य हो सकते हैं)
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वोटिंग में पहुंचे बड़े नाम: गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू समेत कई दिग्गज।
आरोप और बयानबाज़ी
बालियान को समर्थन देने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने चुनाव से पहले बड़ा आरोप लगाया—
“यह क्लब अफसरों और दलालों का अड्डा बन गया है, इसे इनके चंगुल से मुक्त करना जरूरी है।”
यह बयान चुनावी माहौल को और गरमा गया। हालांकि नतीजों में इसका असर नहीं दिखा और रूडी ने जीत दर्ज की।
http://Constitution Club of India – Official Website
BJP vs BJP: क्यों खास है यह चुनाव?
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पहली बार पार्टी के अंदर सीधी टक्कर – बीजेपी के दो बड़े नेता आमने-सामने।
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पद की प्रतिष्ठा – Constitution Club सचिव का पद सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि सांसदों के बीच नेटवर्क और असर का प्रतीक है।
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राजनीतिक संदेश – यह चुनाव बीजेपी की आंतरिक खींचतान और शक्ति संतुलन का आईना भी माना जा रहा है।
जीत के बाद रूडी का संदेश
जीत के बाद राजीव प्रताप रूडी ने कहा—
“यह विश्वास और पारदर्शिता की जीत है। मैं सभी सांसदों का आभारी हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया।”
इस चुनाव ने साफ कर दिया कि भले ही यह “क्लब इलेक्शन” हो, लेकिन इसमें पॉलिटिकल स्ट्रैटेजी, गुटबाज़ी और पावर प्ले का उतना ही असर है जितना किसी बड़े आम चुनाव में होता है।
बीजेपी बनाम बीजेपी का यह मुकाबला आने वाले समय में पार्टी की अंदरूनी राजनीति पर भी असर डाल सकता है।
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