Marigold Farming: कम लागत, ज्यादा मुनाफा और सालभर डिमांड वाला फूल
भारत में खेती अब केवल अनाज, फल और सब्जियों तक सीमित नहीं रही है। आज के समय में किसान परंपरागत फसलों के साथ-साथ फूलों की खेती की ओर भी रुख कर रहे हैं और इसमें जबरदस्त मुनाफा कमा रहे हैं। खासकर Marigold Farming (गेंदे की खेती) ने किसानों के लिए एक नया और स्थायी आय स्रोत प्रदान किया है। यह फूल पूजा-पाठ, शादी-ब्याह, सजावट और त्योहारों में हमेशा मांग में बना रहता है।
बढ़ती हुई मांग और कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती की बात हो तो Marigold Farming यानी गेंदे की खेती आज के समय में किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरी है। भारत में अब खेती केवल अनाज, फल और सब्जियों तक सीमित नहीं रही है। आज किसान फूलों की खेती की ओर भी तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर गेंदे के फूल की। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि गेंदे का फूल पूरे साल मांग में रहता है। यह फूल पूजा-पाठ, धार्मिक समारोह, सजावट, शादियों और त्योहारों में खूब इस्तेमाल होता है, जिससे इसकी बिक्री आसानी से हो जाती है।
गेंदे की खेती की सबसे खास बात यह है कि यह पूरे साल की जा सकती है, लेकिन बरसात के मौसम (जून से अगस्त) में इसकी ग्रोथ तेज होती है और उत्पादन बेहतर होता है।
Marigold Farming की प्रमुख विशेषताएं
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गेंदे के फूलों की खेती कम लागत में शुरू हो जाती है।
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यह फसल जल्दी तैयार होती है और ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती।
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मार्केट में गेंदे की डिमांड हमेशा बनी रहती है।
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फ्रेंच मैरीगोल्ड डुरंगो मिक्स जैसी किस्में खासकर बरसात में बेहतरीन प्रदर्शन करती हैं।
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शादी, त्योहार और धार्मिक आयोजनों में इस फूल की खपत सबसे ज्यादा होती है।
Marigold Farming के लिए सही मौसम और मिट्टी
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बरसात का मौसम (जून से अगस्त) गेंदे की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है।
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हल्की दोमट मिट्टी जिसमें जल निकासी की व्यवस्था अच्छी हो, वह सबसे उपयुक्त रहती है।
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खेत ऐसा होना चाहिए जहां सूरज की रोशनी भरपूर मिले।
फ्रेंच मैरीगोल्ड डुरंगो मिक्स की खासियत
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यह किस्म 80–90 दिन में फूल देने लगती है।
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फूलों का रंग गहरा और घना होता है, जिससे यह सजावटी उपयोग के लिए आदर्श बनता है।
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पौधों की ऊंचाई 75–85 सेमी और एक फूल का वजन करीब 15–16 ग्राम होता है।
कहां से खरीदें पौधे?
राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) की वेबसाइट पर यह पौधे ₹84 में 50 पौधों के पैक के रूप में मिलते हैं।
वेबसाइट: https://www.indiaseeds.com
ऑनलाइन ऑर्डर कर के आप इसे सीधे घर पर मंगा सकते हैं।
Marigold को गमलों में कैसे उगाएं?
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उपजाऊ मिट्टी वाला गमला लें जिसमें पानी निकलने का रास्ता हो।
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बीज बोकर हल्की मिट्टी से ढकें और धूप में रखें।
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नियमित पानी दें और लगभग 3 महीने में फूल खिलने लगते हैं।
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यह घर की बालकनी या छत के लिए भी बेहतरीन है।
खेतों में Marigold Farming कैसे करें?
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खेत की गहरी जुताई कर उसमें सड़ी गोबर की खाद डालें।
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समतल करके लाइन से पौधे लगाएं।
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6-7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
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जैविक कीटनाशकों से पौधों को रोगमुक्त रखें।
1 हेक्टेयर में 10–15 क्विंटल तक फूलों का उत्पादन संभव है।
Marigold Farming से मुनाफा कितना?
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खर्च: ₹20,000 से ₹25,000 प्रति हेक्टेयर
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कमाई: ₹80,000 से ₹1,00,000 तक
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बिक्री: मंदिरों, मंडियों, आयोजनों और डेकोरेशन वालों को सीधे बेच सकते हैं
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Marigold Farming क्यों अपनाएं?
आज के दौर में किसान लागत, मेहनत और बाजार के असंतुलन से परेशान हैं। ऐसे में गेंदे जैसी फूलों की खेती एक राहत की तरह है। कम समय, कम मेहनत और ज्यादा रिटर्न देने वाली यह खेती युवाओं और छोटे किसानों के लिए भी एक सशक्त विकल्प बन रही है।
Disclaimer:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है। खेती शुरू करने से पहले कृपया स्थानीय कृषि विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। जलवायु, मिट्टी की स्थिति और बाजार भाव के अनुसार परिणाम भिन्न हो सकते हैं।
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