“Market Crash, War effect: अमेरिका की दखल से टूटा बाजार, निवेशक परेशान”
मुंबई | SamacharTimes24 – सोमवार की सुबह देश के लाखों निवेशकों के लिए एक बुरी खबर लेकर आई। बाजार खुलते ही ऐसा भूचाल आया कि देखते ही देखते सिर्फ 15 मिनट में 3 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। सेंसेक्स और निफ्टी में इतनी तेज गिरावट आई कि निवेशक सकते में आ गए। कहीं किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि इतनी तेजी से मार्केट इतनी नीचे गिर सकता है।
Market Crash, War effect: कैसे लुढ़का बाजार?
सुबह के सत्र की शुरुआत के कुछ मिनटों में ही सेंसेक्स करीब 900 अंक टूटकर 81,488 तक पहुंच गया। वहीं, निफ्टी 50 भी 24,850 के नीचे आ गया। छोटे और मझोले शेयरों की हालत भी खराब रही। बीएसई मिडकॅप और स्मॉलकॅप इंडेक्स में करीब 1% की गिरावट देखी गई।कई लोगों के पोर्टफोलियो की वैल्यू देखते ही देखते धड़ाम हो गई। किसी की मेहनत की कमाई, किसी की रिटायरमेंट सेविंग – सब लाल निशान में चली गई।
निवेशकों की जेब पर 3 लाख करोड़ का सीधा वार
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप एक झटके में 448 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 445 लाख करोड़ रुपये हो गया। सीधे शब्दों में कहें तो केवल कुछ ही मिनटों में निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए। यह नुकसान न केवल आंकड़ों में बड़ा है, बल्कि दिलों पर भी गहरा असर डाल गया।
बाजार को इस कदर क्यों हिला गया?
1. अमेरिका की एंट्री से बिगड़े हालात
इराण और इज़राइल के बीच का तनाव पहले ही बाजार को डरा रहा था, लेकिन अमेरिका के कूदते ही स्थिति और बिगड़ गई। खबर है कि अमेरिका ने इराण के तीन न्यूक्लियर बेस पर एयर स्ट्राइक कर दी है। इससे मिडल ईस्ट में संकट गहराने की आशंका है।
2. हॉर्मुज़ सामुद्रधुनी पर इराण की धमकी
इराण की संसद ने हॉर्मुज़ स्ट्रेट को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है। यहां से दुनिया का 20% कच्चा तेल गुजरता है। अगर यह रास्ता बंद हुआ, तो पेट्रोल-डीज़ल के दाम और भी बढ़ सकते हैं। भारत जैसे देश को इसका सीधा असर झेलना पड़ेगा।
3. क्रूड ऑइल हुआ महंगा
ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 2% की तेजी आई है और यह 79 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर क्रूड की कीमतें 80 डॉलर से ऊपर जाती हैं तो भारत की आर्थिक स्थिति, महंगाई और रुपये की वैल्यू पर सीधा असर पड़ेगा।
4. रुपये में कमजोरी और उत्पादन लागत में बढ़ोतरी
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोर पड़ा है। इससे कंपनियों के लिए कच्चा माल आयात करना महंगा हो जाएगा, जिससे उत्पादन लागत बढ़ेगी और मुनाफा घटेगा।
निवेशकों को अब क्या करना चाहिए?
हालात को देखकर घबराना स्वाभाविक है। लेकिन बाजार विशेषज्ञों की सलाह है कि इस तरह के समय में जल्दबाज़ी में स्टॉक्स ना बेचें। यह समय है सतर्क रहने और लॉन्ग टर्म निवेश पर ध्यान देने का।Geojit Investment के रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि हालात अब इस बात पर निर्भर करते हैं कि इराण आगे क्या कदम उठाता है। अगर जवाबी हमला होता है तो संकट और बढ़ सकता है। शेयर बाजार में गिरावट आई है, लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ। इतिहास गवाह है कि बाजार गिरे हैं, लेकिन समय के साथ उबर भी गए हैं। अगर आप समझदारी से निवेश करते हैं और धैर्य रखते हैं, तो यही उतार-चढ़ाव आपके लिए सीख बन सकते हैं।
डिस्क्लेमर: शेयर बाजार जोखिमों से भरा होता है। इस लेख में दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य ज्ञान के लिए है, इसे निवेश की सलाह ना समझें। किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की राय जरूर लें।
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