RBI MPC Meeting August 2025:RBI ने रेपो रेट क्यों नहीं घटाई? जानिए 5 बड़े कारण और EMI पर सीधा असर

RBI MPC Meeting August 2025: RBI ने रेपो रेट क्यों नहीं घटाई? जानिए 5 बड़े कारण और EMI पर सीधा असर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अगस्त 2025 की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक से आम आदमी को राहत की उम्मीद थी, लेकिन यह नहीं हो सका। RBI ने रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर बनाए रखने का ऐलान किया है। यानी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि न तो होम लोन सस्ता होगा, न कार लोन और न ही आपकी EMI का बोझ हल्का होगा।

गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 6 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि MPC के सभी 6 सदस्यों ने एकमत से इस फैसले का समर्थन किया।

rbi mpc meeting decision

RBI MPC Meeting August 2025

अब सवाल है — जब महंगाई में गिरावट हो रही है, तो RBI ने रेपो रेट क्यों नहीं घटाई? इसके पीछे RBI की सोच काफी संतुलित है। आइए जानते हैं वो 5 प्रमुख कारण, जिनकी वजह से रिजर्व बैंक ने यह बड़ा फैसला लिया।

RBI MPC Meeting August 2025:
1. खुदरा महंगाई में गिरावट, लेकिन सतर्कता जरूरी

जून 2025 में CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) आधारित महंगाई दर 2.10% रही — जो जनवरी 2019 के बाद सबसे निचला स्तर है। लेकिन RBI का मानना है कि यह गिरावट स्थायी नहीं हो सकती। आने वाले महीनों में खाद्य और ईंधन कीमतों में उतार-चढ़ाव की आशंका बनी हुई है। इसलिए बैंक ने सतर्क रहते हुए ब्याज दर में कटौती नहीं की।

2. खाने-पीने की चीजें हुईं सस्ती

खाद्य महंगाई दर में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। CFPI (खाद्य महंगाई) जून में -1.06% पर रही, जिससे साफ है कि खाने-पीने की चीजें पिछले साल से सस्ती हो गई हैं। हालांकि, मानसून और सप्लाई चेन पर दबाव जैसे कारक भविष्य में मूल्य बढ़ा सकते हैं। इसलिए RBI फिलहाल और राहत देने के मूड में नहीं है।

3. थोक महंगाई (WPI) भी निगेटिव में

जून 2025 में थोक मूल्य सूचकांक -0.13% दर्ज किया गया। खाद्य वस्तुएं, खनिज तेल, धातुएं और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट इसका कारण रही। लेकिन RBI मानता है कि थोक महंगाई की स्थिरता के लिए पहले से की गई नीतियों का असर देखने देना चाहिए।

4. अर्थव्यवस्था दिखा रही है मजबूती के संकेत

RBI को भरोसा है कि भारत की अर्थव्यवस्था मध्यम अवधि में तेज़ी से आगे बढ़ेगी। आने वाले त्योहारों का सीजन, अच्छा मानसून और सरकारी प्रोत्साहन से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मांग बढ़ने की संभावना है। ऐसे में ब्याज दरों में कटौती से पहले इन संकेतों को और मजबूत देखना जरूरी समझा गया।

5. पहले ही हो चुकी है 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती
फरवरी से अब तक RBI 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती पहले ही कर चुका है। यानी इस साल की शुरुआत से ही रेपो रेट में राहत दी गई है। RBI का मानना है कि इस कटौती का असर अभी भी सिस्टम में फैल रहा है और आगे का डेटा देखने के बाद ही अगला कदम उठाना सही रहेगा।
RBI MPC Meeting August 2025: आपके लिए क्या मतलब है इस फैसले का?
  • अगर आप नया लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आपको पुरानी महंगी दरों पर ही लोन लेना होगा।

  • पहले से चल रही EMI में कोई राहत नहीं मिलेगी।

  • फिक्स्ड डिपॉजिट करने वालों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि ब्याज दरें अभी उच्च बनी रहेंगी।

  • शेयर बाजार पर भी यह फैसला मिश्रित असर डाल सकता है — बैंकिंग सेक्टर को स्थिरता मिली है लेकिन रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को थोड़ी निराशा।

भारतीय रिजर्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट: https://www.rbi.org.in

RBI MPC Meeting August 2025: RBI का फैसला संतुलित, लेकिन आम आदमी को नहीं मिली राहत

RBI का यह निर्णय एक सतर्क नीति रुख को दर्शाता है। वह जल्दबाज़ी में कदम नहीं उठाना चाहता। हालांकि आम जनता को EMI में तत्काल राहत नहीं मिलेगी, लेकिन महंगाई और आर्थिक स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखना भी जरूरी है।

आने वाली अगली MPC मीटिंग में अगर आर्थिक हालात स्थिर रहे, तो ब्याज दर में कटौती की उम्मीद की जा सकती है।

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