Shardiya Navratri 2025:-
हिन्दू धर्म में त्योहार सिर्फ रस्म-रिवाज नहीं — ये हमारी आत्मा से जुड़ी अनुभूति है, विश्वास है, और अपने आप से जुड़ने की अनुभूति है। Shardiya Navratri 2025 भी कुछ ऐसा ही अवसर है जो हर घर में उत्साह, भक्ति, रंग-रोगन और आत्म-शुद्धि लेकर आता है।
1. Navratri क्या है और Shardiya Navratri की विशेषता
Navratri संस्कृत शब्द है — “नव् + रात्रि”, अर्थात नौ रातों की अवधि। इस दौरान देवी माँ दुर्गा की नौ रूपों की आराधना होती है। पूरे भारत में ये त्योहार अलग-अलग नामों से मनाया जाता है: Dussehra के पहले घट जाता है ये अवधि। Shardiya Navratri सितंबर-अक्टूबर के मौसम में होती है, जब प्रकृति अपने संधि-विवेचनों में है, ठंडी हवाएँ, हल्की बरसात – यही समय है भीतर की शुद्धि और बाहर की उल्लास के लिए।
2. तारीख और शुभ मुहूर्त
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Shardiya Navratri 2025 की शुरुआत Ghatasthapana से होगी, जो 22 या 23 सितंबर को तय हो सकती है, शुभ मुहूर्त के अनुसार।
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नौ दिन की यह अवधि देवी दुर्गा के नौ रूपों के लिए होती है, जिसमें हर दिन एक विशेष रंग से जुड़ा है।
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मंदिरों और घरों में कलश स्थापना की विधि इस शुभ मुहूर्त में होती है ताकि देवी माँ का स्वागत हो सके।
3. पूजा विधि और अनुष्ठान
प्रत्येक घर में थोड़े-बहुत अलग तरीके हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य विधियाँ इस प्रकार हैं:
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Ghatasthapana (कलश स्थापना): मिट्टी का कलश, उसमें जल, दूर्वा, अक्षत (चावल), हल्दी, सिंदूर, फूल आदि रखकर देवी की स्थापना होती है।
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प्रतिदिन आरती-पाठ: देवी दुर्गा के नौ रूपों का ध्यान और पाठ, देवी-भक्ति गीत आदि।
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व्रत / उपवास: कुछ लोग पूरे नौ दिन का व्रत रखते हैं; कुछ केवल Navratri के विशिष्ट दिन।
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सजावट और रंगों का प्रयोग: प्रतिदिन जो रंग निर्धारित है, उसी रंग के कपड़े पहनना, मंदिर-घर सजाना, फूलों से श्रृंगार।
4. रंग-थीम / दिन-दिन का महत्व
हर दिन एक रंग निर्धारित होता है, जो देवी की विभिन्न रूपों और गुणों से जुड़ा है। रंगों के माध्यम से श्रद्धालु अपनी भावनाएँ प्रकट करते हैं, व्यक्तित्व के अनुरूप देवी की स्तुति करते हैं:
दिन | रंग | प्रतीक / देवी का रूप |
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पहला दिन | शुभ रंग (सफेद / हल्का) | शांत मानस-भाव, आरंभ की पवित्रता |
बीच के दिन | चमकीले रंग | शक्ति, उत्साह, जोश |
अंतिम दिन | गहरा / धूमधाम से भरा रंग | विजय, पूर्णता, उत्सव की चरम सीमा |
रंग सिर्फ भाव का प्रतीक है — जो मन से हो, वही सच्चा हो।
5. Navratri मनाने के सुझाव
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स्थल तैयार करें: मंदिर या पूजा स्थान को सजा कर रखें; फूल, दीपक, झाड़-ू पीछे मत छोड़ो।
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भोजन संयोजन: राज्य अनुसार भक्तिमय भोजन; कुछ जगह मीठा प्रसाद विशेष होता है।
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समय प्रबंधन: शुभ मुहूर्त, आरती-पाठ, समय पर व्रत खोलने-बंद करने का ध्यान रखें।
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सामाजिक मेलजोल: मिलन-जुलन, गांव-पुलिस, मंदिर-समुदाय मिलकर कार्यक्रम करें; सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें।
6. क्यों है Shardiya Navratri महत्वपूर्ण इस वर्ष?
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आध्यात्मिक शांति: महामारी के बाद जिन्दगी में अगर कुछ चीज बढ़ी है, तो वो है मानसिक तनाव; इस तरह का त्योहार आत्मा को राहत देता है।
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लोक कला और सांस्कृतिक उत्थान: मूर्तिकार, सजावट करने वाले कलाकार, मंडप बनाने वाले बड़ी भूमिका निभाते हैं; इस वर्ष थीम और कलाकारी में नया.css प्रयोग हो रहा है।
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समुदाय की साझेदारी: त्योहार सिर्फ पूजा-अर्चना नहीं, बल्कि समाज में मेलजोल, साझेदारी और पर्व का आनंद है।
7. सावधानियाँ और ध्यान देने वाली बातें
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भीड़ से बचें, विशेषकर मंदिरों व सार्वजनिक पंडालों में।
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COVID-19 या अन्य स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करें यदि लागू हों।
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पर्यावरण की रक्षा: प्लास्टिक कम उपयोग करें, फूल-फूलों का प्रबंधन करें, “E-waste” सजावट से बचें।
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पूजा सामग्री और दीपक चुनते समय सुरक्षित सामग्री प्रयोग करें (जैसे ऑयल-लैंप, सुरक्षित माचिस, बुझा दिया जाए जब अनावश्यक हो)।
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