Surya Grahan:-
परिचय: क्यों खास है यह सूर्य ग्रहण?
22 सितंबर 2025 को लगने वाला सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ग्रहण एक ऐसा खगोलीय घटना है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की किरणों को ढक देता है। इस बार का सूर्य ग्रहण आंशिक (Partial Solar Eclipse) होगा, लेकिन फिर भी लोगों में इसे लेकर काफी उत्सुकता है।
Surya Grahan का समय और स्थान
भारतीय समयानुसार, 22 सितंबर को यह ग्रहण सुबह लगभग 8:15 बजे शुरू होगा और करीब 11:45 बजे तक चलेगा।
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प्रारंभ: 8:15 AM (IST)
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मध्य काल: 10:00 AM (IST)
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समापन: 11:45 AM (IST)
भारत में यह ग्रहण कुछ उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में आंशिक रूप से दिखाई देगा। दिल्ली, कोलकाता और पटना जैसे शहरों में लोग इसे देख पाएंगे, जबकि दक्षिण भारत के कई हिस्सों में यह दृश्य उपलब्ध नहीं होगा।
सूतक काल और धार्मिक मान्यता
हिंदू धर्म में Surya Grahan का गहरा महत्व है। ग्रहण से लगभग 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं और धार्मिक कार्य नहीं किए जाते।
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गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय बाहर जाने से मना किया जाता है।
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ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर दान देने की परंपरा है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिकों के अनुसार, सूर्य ग्रहण केवल एक प्राकृतिक घटना है। हालांकि, इसे देखने से पहले सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है।
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नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण देखने से आंखों को नुकसान हो सकता है।
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इसके लिए विशेष सोलर ग्लासेस या टेलीस्कोप का प्रयोग करना चाहिए।
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वैज्ञानिकों के लिए यह अवसर सूर्य की किरणों और चंद्रमा की गति को समझने का होता है।
Surya Grahan का भारत पर प्रभाव
पहलू | असर |
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धार्मिक | पूजा-पाठ और मंदिर गतिविधियां प्रभावित होती हैं |
वैज्ञानिक | खगोलविदों के लिए अध्ययन का बेहतरीन मौका |
सामाजिक | लोगों में अंधविश्वास और वैज्ञानिक दृष्टिकोण दोनों देखने को मिलते हैं |
विशेषज्ञ की राय
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह ग्रहण खासकर सिंह और कन्या राशि वालों के लिए थोड़ा सावधानी बरतने का समय होगा। वहीं वैज्ञानिक कहते हैं कि लोगों को इस मौके को अंधविश्वास से नहीं, बल्कि जिज्ञासा और ज्ञान की दृष्टि से देखना चाहिए।
FAQs
Q. क्या यह सूर्य ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा?
नहीं, केवल कुछ उत्तरी और पूर्वी राज्यों में आंशिक रूप से दिखेगा।
Q. सूतक काल कब से शुरू होगा?
ग्रहण से लगभग 12 घंटे पहले, यानी 21 सितंबर की रात से।
Q. क्या इसे नंगी आंखों से देखना सुरक्षित है?
नहीं, केवल विशेष सोलर ग्लासेस या फिल्टर से देखना चाहिए।
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