8th Pay Commission:अब सिर्फ 12 साल की सेवा पर मिलेगी पूरी पेंशन

अब सिर्फ 12 साल की सेवा पर मिलेगी पूरी पेंशन, लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत

8th Pay Commission: सरकारी नौकरी करने वालों के लिए सबसे बड़ी चिंता रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी होती है। पेंशन ही वह सहारा है जो उम्र के उस पड़ाव पर सुकून देती है जब कमाने की ताकत नहीं रह जाती। अब ऐसी ही जिंदगी बदलने वाली एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जिससे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के चेहरे पर राहत की मुस्कान लौट आई है।

8th Pay Commission से जुड़ी चर्चाएं अब और तेज हो गई हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, सरकार अब पेंशन सिस्टम में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। प्रस्ताव ये है कि अब कर्मचारियों को पूरी पेंशन पाने के लिए 20 साल की सेवा पूरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यदि यह प्रस्ताव पास होता है, तो सिर्फ 12 साल की सेवा पर भी कर्मचारियों को पूरी पेंशन दी जा सकेगी।

यह सिर्फ एक संख्या नहीं है – यह उन लाखों लोगों की उम्मीद है जो किसी वजह से अपनी नौकरी लंबी नहीं खींच पाए। कोई स्वास्थ्य कारणों से, कोई पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के चलते, और कुछ मजबूरी में समय से पहले रिटायर हो जाते हैं। ऐसे सभी कर्मचारियों के लिए यह प्रस्ताव वरदान बन सकता है। अभी तक उन्हें अधूरी सेवा के कारण सिर्फ आंशिक पेंशन ही मिल पाती थी, जिससे बुढ़ापे में काफी मुश्किलें झेलनी पड़ती थीं।

सरकारी तंत्र में पेंशन सिर्फ एक वित्तीय लाभ नहीं, बल्कि उस समर्पण और ईमानदारी का सम्मान होती है जो किसी कर्मचारी ने सालों तक दी होती है। ऐसे में अगर किसी ने 12 साल भी ईमानदारी से सेवा दी है, तो क्या वो पूरी पेंशन का हकदार नहीं होना चाहिए? यही सवाल अब सरकार के समक्ष रखा गया है – और 8th Pay Commission के जरिए इसका जवाब आने की उम्मीद बढ़ गई है।

इस प्रस्ताव का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रिटायरमेंट के बाद जीवनयापन आसान होगा। आज भी कई पेंशनर्स ऐसे हैं जो आधी-अधूरी पेंशन में अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं। महंगाई के इस दौर में दवाइयों से लेकर रोजमर्रा के खर्च तक सब कुछ आसमान छू रहा है। ऐसे में अगर उन्हें पूरी पेंशन मिलने लगे, तो न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि उनका बुढ़ापा भी सम्मानजनक और सुरक्षित हो सकेगा।

सूत्रों की मानें तो इस प्रस्ताव को लेकर वित्त मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय के बीच गंभीर बातचीत चल रही है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि 8th Pay Commission की सिफारिशों में यह बिंदु प्रमुखता से शामिल हो सकता है। हालांकि अभी तक आधिकारिक अधिसूचना नहीं आई है, लेकिन जिस तरह से चर्चाएं बढ़ रही हैं, उससे संकेत मिल रहे हैं कि सरकार जल्द कोई बड़ा फैसला ले सकती है।

यह बदलाव सिर्फ एक नीतिगत फैसला नहीं होगा – यह एक नई सोच का प्रतीक होगा। ऐसी सोच जो कर्मचारियों की दशकों की मेहनत और प्रतिबद्धता को सिर्फ आंकड़ों में न देखकर, उसकी वास्तविक अहमियत को समझेगी।

8th Pay Commission से जुड़े इस संभावित बदलाव पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। जिन लोगों ने अपनी जवानी देश की सेवा में खपा दी, अब उनके बुढ़ापे को सुरक्षित और गरिमामय बनाने का वक्त है। अगर 12 साल की सेवा पर पूरी पेंशन का रास्ता साफ होता है, तो यह न केवल नीति में सुधार होगा बल्कि लाखों जिंदगियों में नई रोशनी भी लेकर आएगा।

क्या होती है कम्यूटेड पेंशन और क्यों है यह इतना जरूरी?

जब कोई सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है तो उसे मासिक पेंशन मिलती है। लेकिन बहुत से कर्मचारी अपने पेंशन का कुछ हिस्सा रिटायरमेंट के समय एकमुश्त (लंपसम) राशि के रूप में लेना पसंद करते हैं। इस एकमुश्त राशि को ही “कम्यूटेड पेंशन” कहा जाता है।

सरकार उस एकमुश्त दी गई राशि की भरपाई करने के लिए कर्मचारी की हर महीने मिलने वाली पेंशन से एक हिस्सा काटती है। अभी यह कटौती पूरे 15 साल तक होती है। यानी, रिटायरमेंट के बाद 15 साल तक कर्मचारी को पूरी पेंशन नहीं मिलती। 8th Pay Commission में यही अवधि 15 साल से घटाकर 12 साल किए जाने की संभावना है।

कर्मचारी संगठनों की वर्षों पुरानी मांग

सरकारी कर्मचारी संघ और पेंशनर्स संगठन लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि 15 साल की पेंशन कटौती की अवधि बहुत ज्यादा है। उनका तर्क है कि आज के समय में ब्याज दरें बहुत कम हो चुकी हैं, जिससे सरकार को पहले जितना रिटर्न नहीं मिल पा रहा है, फिर भी कटौती 15 साल तक की जा रही है।

ऐसे में यह अवधि अनुचित लगती है और इसे घटाकर 12 साल किया जाना ज्यादा व्यवहारिक होगा। इसके पीछे यह भी सोच है कि कई बार पेंशनर्स की आयु 75 वर्ष तक भी नहीं पहुँचती, ऐसे में उन्हें पूरी पेंशन का लाभ ही नहीं मिल पाता।

अब देखना यह होगा कि सरकार कब तक इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाती है और कर्मचारियों के इस लंबे इंतजार का सुखद अंत कब होता है।

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