Himachal Pradesh Weather
हिमाचल प्रदेश इन दिनों भीषण प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। राज्य के मंडी, करसोग, धर्मपुर और सराज क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। मंडी जिले के गोहर उपमंडल के स्यांज नाले में बादल फटने के बाद एक घर पूरी तरह बह गया, जहां मां-बेटी को बचा लिया गया लेकिन परिवार के सात अन्य सदस्य सैलाब में बह गए। करसोग और धर्मपुर में भी भारी तबाही हुई है, जहां कई घर और गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। अब तक राज्य में कुल 4 लोगों की मौत और 16 के लापता होने की पुष्टि हुई है, वहीं राहत की बात यह है कि 117 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। कई इलाकों में 26 से अधिक मवेशियों की मौत और 18 से अधिक घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं।
बढ़ते जलस्तर के कारण पंडोह डैम के पांचों गेट खोल दिए गए हैं और 1.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे ब्यास नदी उफान पर है और पंडोह बाजार समेत आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। डैम में पीछे से 1.65 लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह हो रहा है, जिससे खतरा और बढ़ गया है। इसी बीच मंडी के सराज क्षेत्र में 16 मेगावाट का पटिकरी पावर प्रोजेक्ट भी तेज बहाव की चपेट में आकर तबाह हो गया। धर्मपुर के त्रियांबला और भदराणा क्षेत्रों में कई घरों और गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है और बस अड्डों, दुकानों और घरों में पानी भर गया है।
आठ जगह बाद फटने की घटनाएं सामने आईं: सीएम सुक्खू
प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू और राहत कार्य में जुटी हैं, लेकिन तेज बहाव और लैंडस्लाइड के चलते उन्हें भी कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मंडी जिले के बाड़ा, तलवाड़ा, गोहर और सुजानपुर जैसे इलाकों से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में अब तक 500 करोड़ रुपये का प्रारंभिक नुकसान दर्ज हुआ है और आठ जगहों पर बादल फटने की पुष्टि हुई है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों से कम से कम 500 मीटर की दूरी बनाए रखें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।
शिमला में कई भवनों पर मंडराया संकट, बिजली बोर्ड के दफ्तर में पड़ी दरारें
राजधानी शिमला में कई भवनों पर भूस्खलन से ढहने का खतरा मंडरा गया है। न्यू शिमला में बिजली बोर्ड के दफ्तर में दरारें पड़ गई हैं। कृष्णा नगर में भी एक भवन को खतरा है। कई अन्य वार्ड में भी भूस्खलन के कारण मकानों पर संकट मंडरा गया है।
खोदाई के कामों पर लगेगी रोक, आज निर्देश जारी करेगा निगम
राजधानी शिमला में भारी बारिश को देखते हुए खोदाई के कामों पर रोक लगेगी। इस बारे में नगर निगम सोमवार को विस्तृत दिशा निर्देश जारी करेगा। महापौर सुरेंद्र चौहान ने अधिकारियों को इस बारे में निर्देश दे दिए हैं। शहर में रविवार को भी ज्यादातर वार्डों में नुकसान खोदाई के कामों के चलते हुआ है। नगर निगम आमतौर पर बरसात का मौसम शुरू होते ही शहर में खोदाई के कामों पर रोक लगा देता है। इस बार अभी तक इस काम पर रोक नहीं लगी थी। इसके चलते शहर में निर्माणकार्य जारी थे। संजौली के बॉथवेल में खोदाई से निकला मलबा ही दूसरे मकान पर पहुंच गया। मैहली में भी प्लॉट की खोदाई से ही दो भवनों को खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए निगम सोमवार को शहर में खोदाई से जुड़े कामों पर रोक लगाने जा रहा है। महापौर सुरेंद्र चौहान ने रविवार को शहर में घूमकर नुकसान का जायजा लिया।
कांगड़ा के शिक्षण संस्थान आज बंद
राज्य सरकार की ओर से सभी जिलों के उपायुक्तों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में सभी स्कूल और कॉलेज 1 जुलाई 2025 को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सीएम सुक्खू ने यह भी आश्वासन दिया है कि सरकार इस कठिन समय में हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जा रही है। ब्यास नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। मंडी निवासी सुशील ने बताया कि रात से बारिश इतनी तेज हो रही है कि लोगों को घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया है। वहीं, सुजानपुर के खैरी क्षेत्र में 35 से 40 लोगों को पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षित रेस्क्यू किया है।
भारी बारिश से पंडोह-कुकलाह मार्ग क्षतिग्रस्त, नदी का पानी आने से रास्ता टूटा
जिला मंडी में हो रही भारी बारिश के चलते पंडोह से कुकलाह को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग नदी के तेज बहाव में आकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। शुक्रवार रात से हो रही लगातार बारिश के कारण एक नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मार्ग ग्रामीणों के लिए आवागमन का एकमात्र साधन था। अब रास्ता टूट जाने से दर्जनों गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है। स्कूली बच्चों, मरीजों और कामकाजी लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मार्ग की शीघ्र मरम्मत करवाई जाए और भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए ठोस योजना बनाई जाए। लगातार हो रही बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदी-नालों के पास न जाने की अपील की है।
सरकार पूरी गंभीरता के साथ हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध: सीएम
इस भयावह आपदा के बीच मुख्यमंत्री लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ काम कर रही है और हर नागरिक तक राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस समय हिमाचल प्रदेश के लोगों से अपेक्षा है कि वे संयम बरतें, अफवाहों से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि इस संकट की घड़ी से जल्द बाहर निकला जा सके।